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Thursday, January 17, 2019

Incredible !ndia

कल तक मेरी दुनिया चार-दीवारी थी ।
टीवी पर न्यूज़ सुनना, मानो मजबूरी थी॥

समय बदला, स्थान बदला, दिन-काल, संसार बदला ।
कलतक जो आँगन की छुई-मुई थी, आज NRI हुई ।
देश से निकलकर देश से एक नई पहचान हुई ॥

नए-नए लोगों से आलाप हुआ, कुछ मीठा-मीठा संवाद हुआ ।
जब सम्बन्ध गहराया तो, असलियत से मुलाकात हुई ॥

औपचारिकता के दायरे से बाहर लोग पूंछते हैं ।
क्या भारत की सड़कों पर बलात्कारी घूमते हैं ॥

जहां 8-महीने की बच्ची नहीं सुरक्षित है, कैसी विकृत, संकुचित मानसिकता है ।
कैसे कहूं निर्भया एक दुखित अपवाद है, जहां देश का आंकड़ा देता कुछ और ही गवाई है ॥

समय के तूफ़ान में सारा सुनहरी इतिहास मटमैला हो गया ।
भारत मेरा नाजाने कब बहन-बेटियों की इज़्जत का लुटेरा हो गया ॥

कब तक छिपाऊं अपने देश के ज़ख़्मों को, कहकर बाहरी ताकतों का है प्रोपेगंडा ।
जहॉं कभी जीन्स, कभी साड़ी, या शायद लड़की होना ही है बलात्कार का फंडा ।
किस विश्वास से कहूं, visit my country , it is Incredible !ndia ॥ 

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